नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में उप-निरीक्षक, हवलदार तथा सिपाही सहित पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए सोमवार को एक खाका तय किया। चार वर्षो के भीतर रिक्तियों को भरने के लिए खाका तय करते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर तथा न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय खाके के किसी भी तरह के उल्लंघन के लिए संबंधित अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
भर्ती के खाके को मंजूरी प्रदान करते हुए पीठ ने यह स्पष्ट किया कि अधिसूचना जारी करने के साथ ही भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने के बाद पुलिस नियुक्ति एवं पदोन्नति समिति के अध्यक्ष का स्थानांतरण तब तक नहीं होगा, जब तक कि परीक्षाएं नहीं हो जातीं। आदेश सोमवार को पारित किया गया, जिसके मुताबिक छह राज्यों में 19,396 उप-निरीक्षकों (सीधे) व निरीक्षकों (पदोन्नति पर) की भर्ती होगी, जबकि उत्तर प्रदेश में 1,02,619 सिपाहियों की भर्ती होगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 17 अप्रैल के अपने आदेश में पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए छह राज्यों के गृह सचिवों को भर्ती के खाके के साथ उसके समक्ष पेश होने को कहा था। उसने यह भी कहा था कि वह रिक्तियों की भर्ती पर नजर रखेगा।
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