नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ग्रामीण
स्वच्छता पिछले तीन सालों में 39 फीसदी से 66 फीसदी बढ़ी है और 2.17 लाख
गांव अब खुले में शौचमुक्त बने हैं। मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस
के जरिए पुणे में दादा वासवानी के 99वें जन्मदिवस समारोह को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने मानवता के लिए दादा वासवानी की नि:स्वार्थ सेवा के लिए
उनकी सराहना की। ‘सही विकल्प की तैयारी’ पर आधारित दादा वासवानी के विचारों
की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि व्यक्ति सही विकल्प तैयार
करने का संकल्प लेता है तो भ्रष्टाचार, जातिवाद, नशाखोरी, अपराध आदि जैसी
बुराइयों को समाप्त किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने वर्ष 2022 में भारत
की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ की चर्चा करते हुए कहा कि भारत को आज यह
संकल्प लेना चाहिए कि स्वतंत्रता सेनानियों के सपने पूरे हों। उन्होंने
साधु वासवानी मिशन से मांग करते हुए कहा कि चाहे जैसे भी हो, वे इस प्रयास
में शामिल हो। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान देश में एक जनआंदोलन की
तरह जारी है। 2 अक्तूबर, 2014, जब ये अभियान शुरू किया गया था तो देश में
ग्रामीण स्वच्छता का दायरा सिर्फ 39 प्रतिशत था। आज ये बढक़र 66 प्रतिशत तक
पहुंच गया है। एक बहुत ही स्वस्थ परंपरा भी शुरू हुई है। गांवों, जिलों और
राज्यों में खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की प्रतिस्पर्धा चल
रही है। अब तक देश के 2 लाख, 17 हजार गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त
घोषित कर चुके हैं।
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