नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) 24 सितंबर को यहां विदेशी मीडिया से बातचीत कर सकते हैं। यह आरएसएस के संबंध में विदेशी मीडिया की गलतफहमी दूर करने की एक कोशिश होगी। आरएसएस प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों और समाचार चैनलों के करीब 70 पत्रकारों से बातचीत करेंगे और विभिन्न मसलों पर उनके सवालों का जवाब देंगे जिसमें किसी भी विषय के लिए मना नहीं किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया, "सरसंघचालकजी ने उनके हर सवालों का पारदर्शिता के साथ जवाब देने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा कि इसका मकसद आरएसएस के संबंध मं विदेशी मीडिया की गलतफहमी को दूर करना है।
आरएसएस के पदाधिकारी ने बताया कि सरसंघचालक की विदेशी मीडिया के साथ बातचीत को लेकर पिछले कुछ समय से विचार किया जा रहा था, लेकिन जर्मन राजदूत वाल्टर लिंटर से उनकी मुलाकात के बाद अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रतिक्रिया आने के बाद तत्काल इस पर फैसला लिया गया।
उन्होंने कहा, "कई प्रतिष्ठित विदेशी प्रकाशनों ने लिंडर के दौरे की आलोचना की थी और उन्होंने संगठन को फासीवादी बताया। हमें महसूस हुआ कि हमारे जैसे राष्ट्रवादी संगठन के संबंध में विदेशी प्रेस में कितनी गलतफहमी है। हमारा मानना है कि गलतफहमी दूर करने के लिए संवाद सबसे अच्छा तरीका है।" (आईएएनएस)
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