नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के
मुताबिक यह कहना हास्यास्पद होगा कि उनके परिवार का कोई सदस्य केंद्र सरकार
के छह सचिवों वाले विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को प्रभावित
कर सकता था।
सोमवार को उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया कि उनके पुत्र कार्ति ने अब
निष्क्रिय एफआईपीबी के निर्णयों को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि यह
सरकार के सचिवों पर मिथ्या आरोप हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चिदंबरम ने कहा, जिन भी लोगों ने मेरे
साथ काम किया है कि वे जानते हैं कि किसी की भी मेरे फैसले को प्रभावित
करने की हिम्मत नहीं है। मैंने कभी अपने परिवार के किसी सदस्य को आधिकारिक
मामले में मुझसे या किसी अधिकारी से बात करने की इजाजत नहीं दी थी।
सीबीआई ने करीब एक पखवाडे पहले कार्ति, आईएनएक्स मीडिया के संस्थापकों
इंद्राणी तथा पीटर मुखर्जी के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधडी, घूसखोरी और
सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने की एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई का दावा है कि कार्ति को एक कंपनी के जरिये आईएनएक्स मीडिया से धन
मिला, जिससे उसके खिलाफ कर जांच को प्रभावित किया जा सके। इस कंपनी पर
परोक्ष रूप से कार्ति का नियंत्रण था।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक एफआईपीबी के मामलों का सवाल है
उन्होंने सिर्फ एफआईपीबी की सिफारिशों वाले उन मामलों को मंजूरी दी, जो
उनके समक्ष आर्थिक मामलों के सचिव द्वारा रखे गए थे।
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