नई दिल्ली। कश्मीर पर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के विवादास्पद बयान को लेकर पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है। सैफुद्दीन सोज बयान के बाद अब सरकार ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेताओं की ओर से कश्मीर पर विवादास्पद बयानों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा उन्होंने कश्मीर पर पाकिस्तान के पूर्व सैन्य जनरल परवेज मुशर्रफ के बयान को सही ठहराने वाले सोज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह पार्टी की सोच को दर्शाता है। रविशंकर प्रसाद ने इस मामले में सीधे तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपने नेताओं की ओर से दिए जाने वाले ऐसे बयानों पर जवाब देना चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के बयानों को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि इससे कश्मीर में अपनी जान दांव पर लगा कर आतंक से मुकाबले में जुटे सुरक्षाबलों के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को बल मिलता है।
उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा एनडीए सरकार और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान मारे गए आतंकियों की संख्याओं का भी जिक्र किया और कहा कि उनके कार्यकाल में अधिक आतंकी मारे गए हैं।
उनका यह बयान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के यह कहे जाने के बाद आया है कि पिछले कुछ समय में कश्मीर में सुरक्षा बलों के अभियान में आतंकवादियों से अधिक आम लोग मारे गए। प्रसाद ने कहा, ‘वर्ष 2012 में जम्मू एवं कश्मीर में 72 आतंकी मारे गए, 2013 में यह संख्या 67 थी। जून 2014 में हमारी सरकार बनी और उस साल 110 आतंकी मारे गए। वर्ष 2015 में यह संख्या 108 रही, 2016 में 150 और 2017 में 217।’
प्रसाद ने कहा, ‘इस साल मई तक ही 75 आतंकी मारे जा चुके हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि आजाद अपनी सरकार और मौजूदा एनडीए सरकार के दौरान मारे गए आतंकयिों की संख्या में बड़े अंतर को देख सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का हवाला देते हुए कश्मीर की आजादी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ ने एक बार कहा था कि कश्मीरी लोगों को अगर अपने विवेक से फैसला लेने को कहा जाए तो वो आजाद रहना पसंद करेंगे और उनकी यह बात आज के दौर में भी प्रासंगिक है। सोज ने हालांकि यह भी कहा कि कश्मीर की आजादी मुमकिन नहीं है।
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