नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने योगगुरु बाबा रामदेव पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि योगगुरु स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच डर और आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आईएमए ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि वह अपनी गैरकानूनी और गैर मान्यता प्राप्त तथाकथित दवाएं बेच सकें और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईएमए ने सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि रामेदव कह रहे हैं कि एलोपैथी एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस है।
आईएमए ने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, जो खुद आधुनिक चिकित्सा एलोपैथी के डॉक्टर रह चुके हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख हैं, वे या तो इन सज्जन की चुनौती और आरोप स्वीकार करें और आधुनिक चिकित्सा की सुविधा भंग कर दें या ऐसी अवैज्ञानिक बातों से लाखों लोगों को बचाने के लिए उन पर महामारी कानून के तहत मुकदमा दर्ज करें।
आधुनिक चिकित्सा को बर्बाद करने के लिए रामदेव पर मुकदमा चलाने की वकालत करते हुए भारतीय चिकित्सा संघ ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को योगगुरु रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने एलोपैथी के खिलाफ गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है और वैज्ञानिक दवा की छवि बिगाड़ी है।
डॉक्टरों की इस शीर्ष संस्था ने एक बयान में कहा कि रामदेव पर महामारी रोग कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहिए, क्योंकि अशिक्षित जैसा बयान देश के शिक्षित समाज के लिए एक खतरा है और साथ ही गरीब लोग इसका शिकार हो रहे हैं।
इसने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच डर तथा आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आईएमए ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि वह अपनी गैरकानूनी और गैर मान्यता प्राप्त तथाकथित दवाएं बेच सकें और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें।
आईएमए ने आरोप लगाया कि रामदेव ने दावा किया है कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत रेमडेसिविर, फैविफ्लू और सभी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों के इलाज में विफल हो गई हैं।
आईएमए ने मांग की है कि वह संकल्प लेती है कि अगर स्वास्थ्य मंत्री स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं करते तो हमें आम आदमी के समक्ष सच्चाई लाने के संघर्ष के लिए लोकतांत्रिक माध्यमों का सहारा लेना पड़ेगा और न्याय पाने के लिए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
बता दें कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बाबा रामदेव कथित रूप से एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं। (आईएएनएस)
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