शिवसेना और बीजेपी के बीच बढ़ती तनातनी के बीच राहुल गांधी की ओर से दी गई
इस शुभकामना के कई मायने हो सकते हैं। हालांकि कांग्रेस और शिवसेना के बीच
गहरे राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हैं। लेकिन बदलते समीकरणों के बीच अब इन
सबका कोई मायने नहीं है। बता दे, महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच
पिछले चार साल में रिश्ते सबसे खराब दौर में पहुंच गए थे। इसके बाद ही लगने
लगा था कि ये गठबंधन नहीं चलेगा। ये भी पढ़ें - राजस्थान के इस पुल पर पैदल जाओगे तो पकड लेगी पुलिस!
अब दोनों पार्टियों ने घोषणा कर दी है कि
वह अगला चुनाव अलग अलग लड़ेंगी। इधर, शिवसेना जहां भाजपा पर हमला करने का
कोई भी मौका नहीं छोड़ रही, वहीं कांग्रेस की तारीफ से भी वह परहेज नहीं कर
रही है। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला, जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव
के दौरान राहुल गांधी ने भाषण दिया और उसके बाद पीएम मोदी को गले लगाया तो
शिवसेना ने राहुल की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। यहां तक कि शिवसेना ने
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार में रहते हुए भी वोटिंग में भाजपा का साथ
नहीं दिया।
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope