नई दिल्ली। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अक्टूबर में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने पर पार्टी अध्यक्ष के पद पर प्रोन्नत किया जा सकता है और वह 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा होंगे। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया (46) का कहना है कि आत्मनिरीक्षण का समय खत्म हो गया है और पार्टी को 2019 के चुनावों में अपनी संभावनाओं में सुधार के लिए जल्द ही ठोस रणनीति के तहत काम शुरू करना होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को अगले चुनावों में हार का सामना करना पड़ेगा, ठीक उसी तरह जिस तरह 2004 में इंडिया शाइनिंग के नारे के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को हार का मुंह देखना पड़ा था। सिंधिया ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में यह बातें कहीं। उनसे पूछा गया कि अगले आम चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा, उन्होंने कहा, राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और वही पार्टी का नेतृत्व करेंगे। यह पूछने पर कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी का चेहरा भी होंगे, सिंधिया ने कहा, मैं ऐसा सोचता हूं। मुझे लगता है कि विपक्ष राहुल गांधी को समर्थन देने के लिए एकजुट है और वह विपक्षी धावे का नेतृत्व करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, बिलकुल। ज्योतिरादित्य सिंधिया से यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी को अक्टूबर में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने पर अध्यक्ष बनाया जाएगा तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, हां, हां। राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। कई नेताओं का सुझाव रहा है कि राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गांधी से पार्टी की बागडोर संभाल लेनी चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से सांसद हैं। उनका कहना है कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। वह बोलती बहुत है लेकिन काम कुछ नहीं करती।
सिंधिया ने कहा, अब्राहम लिंकन ने कहा था कि आप सभी लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ बना सकते हैं, या कुछ लोगों को हर समय बेवकूफ बना सकते हैं लेकिन आप हर किसी को हर समय बेवकूफ नहीं बना सकते। जब आपके पैरों के नीचे की जमीन खिसक रही हो तो आप प्रोपेगैंडा की बात नहीं करते रह सकते। यह वैसे ही है जैसे आपने 2003-2004 में इंडिया शाइनिंग का हाल देखा था। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मिलकर काम करना होगा। सिंधिया ने कहा, मुझे लगता है कि यह जरूरी है कि हम एकजुट होकर काम करें और आगे बढ़ें। राज्यों में होने वाले चुनावों में और 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एक स्पष्ट रणनीति होनी चाहिए।
कांग्रेस की 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पंजाब ही एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी को जीत नसीब हुई और पार्टी ने सरकार बनाई है। सिंधिया का कहना है कि हर पार्टी उतार-चढ़ाव से गुजरती है। पार्टी ने 2004 और 2009 में गठंबधन सरकारें बनाई थीं। उन्होंने कहा, लेकिन, उसके बाद कई कारणों से हम लोगों का विश्वास नहीं जीत पाए। इसलिए हमें नई रणनीति पर काम शुरू करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि आत्मनिरीक्षण का समय और कारणों का समझने का समय अब खत्म हो गया। हम 2014 से तीन साल आगे निकल गए हैं और हमें रणनीति पर अमल शुरू कर देना चाहिए। ज्योतिरादित्य ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि राहुलजी जल्द ही इस रणनीति पर काम शुरू करेंगे।
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