#LokSabha नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता
खत्म होने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गाँधी ने ट्ववीट कर कहा मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं।मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अब लोकसभा के सदस्य नहीं हैं।
लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को उन्हें अयोग्य करार दे दिया।
राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के 'मोदी उपनाम' मानहानि
मामले में दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने की
वजह से लोकसभा सचिवालय ने यह फैसला लिया है और अब उनकी संसद की सदस्यता
खत्म हो गई है। #RahulGandhi
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के
अनुसार, जैसे ही किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता
है, और कम से कम दो साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वह संसद की सदस्यता ले
लिए अयोग्य हो जाता है। इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर विशेष रूप से
चुनाव की घोषणा करता है।
इससे पहले 10 जुलाई, 2013 के अपने फैसले
में, सुप्रीम कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले में ये फैसला सुनाया
था कि कोई भी संसद सदस्य (सांसद), विधानसभा सदस्य (विधायक) या एक विधान
परिषद (एमएलसी) का सदस्य जो एक अपराध का दोषी है और न्यूनतम दो साल की
कारावास की सजा दी गई है, वो तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है।
कांग्रेस ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को उन्हें चुप
करने की साजिश करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड्गे राहुल
गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
उन्होंने (भाजपा) उन्हें अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे
हैं उन्हें वो रखना नहीं चाहते, लेकिन हम सच बोलते रहेंगे। हम जेपीसी की
मांग जारी रखेंगे, अगर जरूरत पड़ी तो हम लोकतंत्र को बचाने के लिए जेल
जाएंगे।
उन्होंने शुक्रवार को कहा, हमने शाम 5 बजे पार्टी कार्यालय में
अपने वरिष्ठ पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में हम अपनी रणनीति
बनाएंगे कि कैसे आगे बढ़ना है।
आपको बता दें कि गुजरात की सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2019 में उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में दोषी ठहराया। गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया। इस धारा के तहत अधिकतम सजा दो साल की सजा है।
हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कोर्ट ने मामले में राहुल को अपील के अधिकार की अनुमति देते हुए दो साल की सजा को घटाकर 30 दिन कर दिया है और जमानत दे दी थी।
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है? पर केस दर्ज कराया था।
शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि विवादास्पद टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में की गई थी, जिसने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने मामले में पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
जेल में डालकर तोड़ना चाहते थे हौसला, मेरा हौसला सौ गुना बढ़ गया : केजरीवाल
एक बार फिर सत्य की हुई जीत : आम आदमी पार्टी
तेजस्वी यादव ने सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत का किया स्वागत
Daily Horoscope