पटना। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि जिसके पास सत्ता हो, उसमें सच्चाई हो। राहुल ने कहा, देश में नफरत फैलाने वाले कभी सफल नहीं होंगे। राहुल ने कहा कि हिंदू होने का मतलब सच्चाई की रक्षा होने से है। राहुल गांधी ने ये बातें चंपारण सत्याग्रह की 100वीं सालगिरह के मौके पर पटना में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ब्रिटिशों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम के
दौरान महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के
अवसर पर यहां 100 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया।
राहुल ने कहा कि महात्मा गांधी ने विभिन्न धर्मो और विविध क्षेत्रों के लोगों को एकजुट किया। राहुल ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी के आजादी के आंदोलन के संदर्भ में यह बात कही।
राहुल ने कहा कि भारत ने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ पहली लड़ाई लड़ी, इस लड़ाई में हिंदू, मुसलमान, सिख सभी एक साथ लड़े। राहुल ने कहा कि सत्ता और सच्चाई में फर्क हो सकता है, जिसके पास सत्ता होगी उसके पास सच्चाई नहीं होगी। राहुल ने कहा कि पहले यह सोच थी कि आजादी की जरुरत नहीं है, लोग सोचते थे कि हम अंग्रेजों के साथ अपना जीवन गुजार सकते हैं। लेकिन जलियांवाला बाग जैसी सच्चाई को गांधी जी ने देखा तो उन्होंने अपना मन बदला और सोचा कि आजादी के बिना हिंदुस्तान अधूरा है। राहुल ने कहा कि पहले ऐसा भी एक समय था कि जब हिंदुस्तान के लोग कहते थे कि हमें भी अधिकार चाहिए।
हिंदू होने का मतलब सच्चाई की रक्षा करना
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