फरीदकोट । बाबा फरीद विश्वविद्यालय का विवादों के साथ चोली दामन का साथ
रहा है। आए दिन किसी ना किसी मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन
सुर्खियों में रहता है। बीते दिन विश्वविद्यालय के फरीदकोट के मेडिकल कॊलेज और
हसपताल में दरजा चार मुलाजमां की तरफ से डीएमएस डा. आर.एन. बंसल के
खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया था जिससे काफी बवाल हुआ था। अभी यह मसला
खतम नहीं हुआ था कि अब इस डीएमएस की नियुक्ति पर सवाल उठाए जाने लगे हैं।
इस नियुक्ति को बैक डोर एंट्री करार दिया है। पंजाब सरकार के उच्चाधिकारियों को इस मामले
की जांच करने की मांग की गई है। पंजाब की इकलौती सरकारी मेडिकल यूनिर्वसिटी बाबा फरीद के अधीन चलते गुरु
गोबिन्द सिंह मेडिकल कालेज और अस्पताल में डिप्टी मेडिकल सुप्रीरडेंट की नियुक्ति को लेकर सुर्खियों में है। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
आरटी
आई डालने वाले डा. मनजीत
जौड़ा ने आज फरीदकोट में एक प्रैस कॉन्फ्रेंस कर गुरु गोबिन्द सिंह मेडिकल
कालेज और अस्पताल के डीएमएस डा.रविंदर नाथ बंसल की नियुक्ति को को
गैरकानूनी बताया है। उन्होंने बताया कि डीएमएस की पोस्ट प्रमोशन वाली पोस्ट
है। मेडीकल
कौंसल आफ इंडिया और पंजाब सरकार के नियमो अनुसार इस पोस्ट पर ना तो
सीधी भरती हो सकती है और ना ही किसी एमबीबीएस डिग्री वाले को नियुकत
किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आरटीआई में खुलासा हुआ है
कि डा.आरएन बंसल एमबीबीएस डाक्टर है, जबकि कि इस पोस्ट के लिए एमडी पद
की डिग्री एसोसिएट प्रोफेसर कम से कम 3 साल अनुभव और एसोसिएट प्रोफेसर को
प्रमोशन दे के ही डीएमएस लगाया जाता है। विश्वविद्यालय ने डा बंसल को
पहले कच्चे तौर पर रखा और बाद में उस को लाभ देने
के लिए ऐसी एड निकाली जिसमें वही योग्यता दिखाई गई जो डा आरएन बंसल
पूरी करते थे ।
दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने डा.मनजीत जौड़ा की तरफ से
लगाए गए इलजांमो को नाकारा और उप कुलपती प्रो.डा. राज बहादुर ने कहा कि
यह नियुक्ति उनके आने से पहले और नियमों के मुताबिक की गई है।
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