नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने रविवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और निर्वाचन आयोग से 50 प्रतिशत वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की पर्चियों के मिलान की मांग की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे विपक्ष की हार की स्वीकारोक्ति करार दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा प्रवक्ता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने यहां कहा, "तथाकथित सर्वदलीय बैठक हार की स्वीकारोक्ति के सिवा कुछ नहीं है। उनके पास न कोई शासन का एजेंडा है और न लोगों को प्रेरित करने वाला कोई नेतृत्व। उनके पास सिर्फ नकारात्मकता है और इस बात की एक कोशिश कि कैसे भारत के उस विकास को पीछे किया जाए, जो पिछले पांच सालों में हुआ है।"
उन्होंने विपक्ष के महागठबंधन को एक गैर गठबंधन कहा, क्योंकि अधिकांश घटक अलग-अलग लड़ रहे हैं और लोकसभा चुनाव में अपनी आसन्न भारी हार के लिए बहाने ढूढ़ रहे हैं।
भाजपा का यह हमला ऐसे समय में सामने आया है, जब विपक्षी नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के एक हाल के फैसले पर असंतोष जताया, जिसमें ईसी को निर्देश दिया गया था कि वह सत्यापन के लिए हर विधानसभा से औचक चुनी जाने वाली ईवीएम की संख्या एक से बढ़ाकर पांच कर दे।
21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने मीडिया को संबोधित करते हुए ईसी से मांग की कि वह सत्यापन के लिए औचक चुनी जाने वाली ईवीएम की संख्या बढ़ाए, अन्यथा वे इस मामले में एक नई याचिका या एक समीक्षा याचिका दायर करेंगे। पार्टियों ने कहा कि ईसी इन मुद्दों को गंभीरता से न लेकर देश और देश की जनता के समक्ष विफल साबित हुई है।
--आईएएनएस
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