नई दिल्ली। सरकार ने सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के मकसद से 2020-21 के केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा, "स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित 69,000 करोड़ रुपये में से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 6,400 करोड़ रुपये दिए गए हैं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "इस समय तक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल में 20,000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं। सरकार इस योजना का लाभ और ज्यादा गरीब लोगों तक पहुंचाने के लिए इस योजना का दायरा दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों तक बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से अस्पताल खोलने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई करेगी। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पहले चरण में ऐसे आकांक्षी जिलों को शामिल किया जाएगा, जहां आयुष्मान योजना के पैनल वाले कोई भी अस्पताल नहीं है।"
वित्तमंत्री निर्मला ने कहा, "इससे युवाओं को रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे। चिकित्सा उपकरणों पर लगाए जाने वाले करों का इस्तेमाल स्वास्थ्य क्षेत्र की ऐसी महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं के लिए किया जाएगा।"
संसद में केंद्रीय बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, "स्वास्थ्य अधिकारी और चिकित्सा समुदाय आयुष्मान भारत योजना के तहत मशीन लर्निग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोगों के उपचार के लिए विकसित किए गए सक्षम तरीकों का इस्तेमाल कर सकेंगे।"
उन्होंने कहा कि 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' अभियान की शुरुआत की गई है। इसके जरिए 2025 तक देश से तपेदिक उन्मूलन की दिशा में सशक्त प्रयासों का प्रस्ताव किया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि साल 2024 तक देश के सभी जिलों में 2,000 किस्म की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध कराने वाले जन औषधि केंद्रों का विस्तार किया जाएगा। (आईएएनएस)
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