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कानपुर। चमनगंज और कर्नलगंज थानों की पुलिस की ज्वाइंट टीम से आंतकियों को मद्द पहुंचाने वाले को छुड़ा लिया गया। उसे छुड़ाने वाले कोई और नहीं, बल्कि कानपुर में दोयम दर्जे के इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान बिक्री करने वाले मुठ्ठीभर लोग रहें। हालांकि की बुधवार को भी आंतकियों के मद्दगार संदिग्ध को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगी रही। फरार संदिग्ध की तलाश में कई पुलिस व खुफिया टीमें लगी हुई है।
चमनगंज थानाक्षेत्र के रहमानी मार्केट में पुलिस के हाथ से फिसला संदिग्ध युवक अजहर वहीं पर ‘अजहर एंड ब्रदर्स टेलीकॉम‘ नाम से दुकान में मोबाइल फोन, एक्सेसरीज, रिचार्ज, अपलोडिंग और सिमकार्ड बेचने का काम करता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार अजहर के कई और भाई व रिश्तेदारों की पार्टनरशिप में ये दुकान है।
आतंकियों की मद्द के लिए यह तकनीक
क्राइम ब्रांच सोर्सेज का कहना है कि इस बात की पूरी आशंका है कि अजहर और उसके साथ दुकान पर काम करने वाले ही आइएस के लखनऊ में मारे गये आतंकी और दूसरों को टेलीफोनी और कम्यूनिकेशन में मदद करते हों। हो सकता है कि आतंकियों के मोबाइल हैंडसेट्स के आइएमइआइ नंबर वो ही अक्सर चेंज करता हो। जिससे पुलिस के सर्विलांस में उनको ट्रैक ना किया जा सके।
ये काम डॉलर में खरीदे गए आईएमइआई चेंजर सॉफ्टवेयर के माध्यम से करते रहे। आइएस के आतंकियों द्वारा मोबाइल हैंडसेट्स को कुछ दिन यूज करने के बाद यहां लाकर उनके आइएमइआइ बदले जाते रहे हों, फिर यहां से काई बार नये हैंडसेट्स और सिमकार्ड आदि आतंकियों को उपलब्ध कराये गये हों, इस बात की पूरी आशंका जताई जा रही है। हाल में आगरा पुलिस ने घनी आबादी वाले इलाके में ऐसा ही काम करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार करके ये सॉफ्टवेयर बरामद भी किया है।
पुलिस के सामने मुसीबत
अब पुलिस अजहर एंड ब्रदर्स टेलीकॉम का ताला तोड़कर अजहर के कंप्यूटर और लैपटॉप आदि निकाले, तब कन्फर्म हो। अब इलाके में हंगामा होने के बाद दुकान सील करने से पूर्व वारंट आदि की कार्रवाई पुलिस को पूर्ण करने पड़ेगी। लेकिन विचित्र बात ये कि इलकाई लोगों के दबव में आई कानपुर पुलिस ने अब तक रहमानी मार्केट में, संदिग्ध की दुकान के आसपास निगरानी के लिये फोर्स तक तैनात नहीं की है।
कौन कर रहे संदिग्धों की सिफारिश
सोर्सेज के अनुसार यूपी की रूलिंग पार्टी में पद पर रहे एक नेता और एक निवर्तमान विधायक अब भगौड़े अजहर को प्रोटेक्शन दे रहे हैं। वो मिलकर अपनी लॉबी के साथ पुलिस पर पॉलिटिकल दबाव बना रहे हैं। वॉइट कॉलर क्रिमिनल्स और उनके गुर्गों द्वारा भगौड़े को बेकसूर बताया जा रहा है।
ऐसे दबोचने की प्लानिंग
उधर कानपुर जोन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस जकी अहमद कहते हैं कि भाग निकले संदिग्धों के लिये इंटेलीजेंस नेटवर्क को सजग कर दिया गया है। कानपुर पुलिस इसमें पूरी मदद कर रही है। जितने भी संदिग्ध हैं, फरार या पकड़े जा चुके, वो सभी एटीएस के मुजरिम हैं। कौन आतंकियों की कितनी और किस प्रकार की मदद करता रहा, ये केवल एटीएस ही बता सकती है।
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