नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए विश्व के नेताओं को निमंत्रण भेजा जा सकता है। 2014 में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के शासनाध्यक्षों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शपथ ग्रहण से पहले मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद देने वाराणसी जा सकते हैं। यहां से वह दूसरी बार 4,75,754 मतों के भारी अंतर से चुने गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को कुल 6,69,602 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार शालिनी यादव को 1,93,848 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय को 1,51,800 मत प्राप्त हुए।
पिछली बार 2014 में वाराणसी से 3.37 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीतने के बाद मोदी गांधीनगर में अपनी मां हीरा बेन का आशीर्वाद लेने गए थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण के लिए जल्दबाजी में नहीं हैं, क्योंकि वह विश्व के कुछ नेताओं को समारोह के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं, ताकि विश्व के 'सबसे बड़े लोकतंत्र' भारत की ताकत को लेकर दुनिया भर में एक संदेश जाए।
लोकसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री को दुनिया भर के नेताओं से बधाई संदेश और टेलीफोन कॉल आए हैं। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल हैं।
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि नवनिर्वाचित सांसदों को 25 मई शाम तक दिल्ली पहुंचने के लिए कहा गया है। भाजपा संसदीय दल की एक बैठक 25 या 26 मई को हो सकती है, जिसमें मोदी को औपचारिक रूप से नेता चुना जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी उसी दिन सरकार बनाने का दावा पेश करेगी और उसके बाद शपथ ग्रहण समारोह होने की संभावना है।
(आईएएनएस)
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