नई दिल्ली। चीन के शियामेन में चल रहे तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का मंगलवार को अंतिम दिन है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। मोदी और शी के बीच मंगलवार सुबह 10 बजे द्विपक्षीय वार्ता होनी है। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के प्रमुखों की ये पहली मुलाकात है। इसी वजह से पूरी दुनिया की नजरें कल इस बेहद खास मुलाकात पर होंगी। शी और मोदी की आखिरी द्विपक्षीय मुलाकात कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान जून में हुई थी। दोनों नेता उसके बाद सीमा विवाद के दौरान जर्मनी में जी-20 सम्मेलन के दौरान भी अनौपचारिक रूप से मिले थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दोनों नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात से पहले मोदी चीन को बड़ा झटका दे चुके है। चीन ने कहा था कि ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान के आतंकवाद पर कोई चर्चा नहीं होगी। इसके बावजूद, ब्रिक्स समिट में पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद पर चर्चा हुई। पाकिस्तान से पैदा हो रहे आतंकवाद के खिलाफ भारत की एक बड़ी जीत तब हुई, जब ब्रिक्स देशों ने सोमवार को अपने घोषणा-पत्र में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) व जैश-ए-मोहम्मद को शामिल किया, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एक व्यापक दृष्किोण अपनाने का आह्वान किया। शियामेन में 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 43 पृष्ठों के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम के साथ ही टीटीपी (तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान) को इस्लामिक स्टेट के समतुल्य बताया गया और उनके कार्यो की निंदा की गई।
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