नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बुधवार को तमिलनाडु में वायुसेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना से उत्पन्न स्थिति पर एक बैठक की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों का निधन हो गया।
बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सम्मान के तौर पर सरकार गुरुवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा करेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और शीर्ष सैन्य, सुरक्षा और खुफिया अधिकारी बैठक का हिस्सा रहे। इस दौरान अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के चयन पर भी चर्चा हुई।
बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने दुर्घटना के बारे में पीएम मोदी से बात की थी। उन्होंने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी को दुर्घटनास्थल पर जाने के लिए भी कहा।
इस दौरान सिंह ने दिल्ली में रावत के आवास का दौरा किया और उनकी बेटी से बात की। इससे पहले, सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवणे ने सिंह को दुर्घटना और संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी दी थी।
इससे पहले बुधवार को, जनरल रावत और उनकी पत्नी उन 13 लोगों में शामिल थे, जो तमिलनाडु में कुन्नूर के पास एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए।
भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा, गहरे अफसोस के साथ बताना पड़ रहा है कि यह पता चला है कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोग मारे गए हैं।
जनरल रावत नीलगिरी हिल्स के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में स्टाफ कोर्स के फैकल्टी और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए जा रहे थे।
हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से, एकमात्र जीवित, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ, का वर्तमान में वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, नायक विवेक कुमार, नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल जनरल रावत के साथ यात्रा कर रहे थे।
उनके अलावा, दो पायलट, एक ग्रुप कैप्टन और एक गनर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में सवार थे।
सिंह अपनी पत्नी और सात कर्मचारियों के साथ सुबह 8:47 बजे कोयंबटूर के पास सुलूर आईएएफ बेस के लिए दिल्ली में एक उड़ान में सवार हुए थे। वे सुबह 11:34 बजे सुलूर में उतरे। वहां से वे 11:48 बजे एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर में सवार हुए। दोपहर 12:22 बजे, वायु यातायात नियंत्रण (एटीसी) का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया, जो कुन्नूर से लगभग 7 किमी दूर एक वन क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
वायुसेना ने कहा कि हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। एक महीने में रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
सभी मृतकों के पार्थिव शरीर गुरुवार को दिल्ली लाए जाएंगे। (आईएएनएस)
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