नई दिल्ली। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा भाजपा के लिए कोई गुल नहीं खिला सका। दोनों राज्यों के अब तक आए रुझानों में भाजपा ने पिछली बार से कमजोर प्रदर्शन किया है। पार्टी दोनों राज्यों में खुद के तय लक्ष्य से दूर दिख रही है। महाराष्ट्र में भाजपा भले ही गठबंधन के दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है, मगर उसकी अपनी सीटें पिछली बार से घट गई हैं। महाराष्ट्र में भाजपा ने गठबंधन के लिए 212 और खुद के लिए 144 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया था। हरियाणा में 75 पार का नारा देने वाली भाजपा बहुमत के लिए जरूरी 45 के आँकड़े से भी दूर खड़ी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित सभी शीर्ष नेताओं ने दोनों राज्यों में रैलियां कर स्थानीय को छोड़ राष्ट्रीय मुद्दों को ही उठाया। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को साहसिक कदम बताते हुए प्रचारित किया गया कि पिछले 70 वर्षों में जो काम किसी सरकार ने नहीं किया, उसे उन्होंने कर दिखाया।
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की एक रैली में राफेल पर हमला बोला तो भाजपा ने उसके जरिए मोदी सरकार में वायुसेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने को मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।
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