पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि यहां के जो लोग दूसरे जगहों पर काम करने गए थे, वे बहुत परेशानी में थे। जिनके लिए काम करने गए थे, वही ध्यान नहीं दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जो लोग वापस आना चाहते थे, उनमें से अधिकांश आ गए हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी ग्राम पंचायत और नगर निकाय के प्रतिनिधियों से बात की और कोरोना से बचाव को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान में सहयोग देने की अपील भी की। उन्होंने इस लॉकडाउन में लोगों के सहयोग देने और स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा कि इस लॉकडाउन में सभी का सहयोग मिला।
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उन्होंने कहा, "हमारे गांव के लोगों ने इतनी जागरूकता दिखाई कि उन्होंने किसी बाहरी को गांव में आने नहीं दिया।"
नीतीश कुमार ने कहा है कि हर लोग मास्क जरूर लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, इसको लेकर आप सभी जनप्रतिनिधि लोगों को जागरूक करें।
उन्होंने कहा, "हमने तय किया है कि गांव के हर परिवार को चार मास्क और साबून सरकार देगी। इसपर काफी काम हो चुका है। अब शहरों में भी गरीबों को मुफ्त मास्क मुहैया कराया जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हें बाहर से आना था, उनमें अधिकांश लोग लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेंटर खत्म हो जाने पर अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा। बिहार में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में 40 हजार की क्षमता है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाके लिए तीन खास अस्पतालों में 2344 बेड का इंतजाम है।
उन्होंने दावा करते हुए कि हमलोगों ने आपदा के लिए प्रारंभ से ही काम किया है। यह भी आपदा ही माना गया है। उन्होंने कहा, "हमलोगों की प्रारंभ से मान्यता है कि राज्य के खजाने पर सबसे अधिक अधिकार आपदा पीड़ित का है।" (आईएएनएस)
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