सिरसा। अपने आशियानों को बचाने के लिए सिरसा के गांव मोरीवाला के ग्रामीण दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। बुधवार को एक बार फिर गांव मोरीवाला के ग्रामीण मिनी सचिवालय पहुंचे और डीआरओ सिरसा को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें सरकार की ओर से इस संबंध में कोई नोटिस नहीं भेजा गया है, लेकिन उन्हें अपने आशियाने की चिंता सताई हुई है, जिसे लेकर बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही है। ग्रामीणों ने कहा की प्रशासन इसका हल निकाले नहीं तो धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा। ग्रामीणों ने बताया कि वे गांव मोरीवाला में कई दशकों से रह रहे हैं। पहले गांव की जमीन फर्द जमाबंदी में दर्ज थी, लेकिन वर्ष 1952 में उक्त जगह को लाल डोरे में कर दिया गया और अब राष्ट्रीय राजमार्ग - 9 की ओर से गांव के 20-25 घरों की जमीन अधिग्रहित की गई है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर उनके आशियाने टूटते हंै, तो वे इसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे और न ही वह आर्थिक रूप से इतने मजबूत है कि फिर से अपना आशियाना बना सकें। ग्रामीणों ने कहा कि दूसरी ओर कृषि भूमि है, जहां सरकार हाईवे का निर्माण करवा सकती है और उनके आशियाने को बचाया जा सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें सरकार की ओर से इस संबंध में कोई नोटिस नहीं भेजा गया है, लेकिन उन्हें अपने आशियाने की चिंता सताई हुई है। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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