नई दिल्ली। भारत का प्रमुख डिजिटल वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म पेटीएम का
राजस्व लगातार बढ़ा रहा है । इतना ही नहीं, साल दर साल यह अपने घाटे में भी
कटौती कर रहा है। कंपनी अपने सुपर ऐप यूपीआई प्ले में भी एक बड़े एडवांडेज
में है, जहां यह टॉप प्लेयर में से एक है। हालांकि, अपने प्रतिस्पर्धियों
फोनपे और गूगल पे के विपरीत, पेटीएम विकास को गति देने के लिए कैशबैक और
प्रोत्साहन पर निर्भर नहीं है। दूसरी ओर, जहां प्रतिस्पर्धियों के पास पैसे
की कमी है, वहीं पेटीएम राजस्व की जमकर कमाई कर रहा है और जल्द ही ब्रेक
ईवन के लिए तैयार है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार:
1.
पेटीएम 'वास्तविक राजस्व' कमा रहा है , जबकि इसके प्रतियोगी कैशबैक और
उपयोगकतार्ओं को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन पर भारी खर्च करना पड़ता
है। बर्नस्टीन की रिपोर्ट में कहा गया है, फोनपे और गूगल पे ग्राहकों को
प्रोत्साहन प्रदान करने और 2.5-3.0 गुणा राजस्व विपणन पर खर्च करना पड़ता
है। उधर, पेटीएम ने अपने मार्केटिंग खर्च को सुव्यवस्थित किया है।
2.
एनपीसीआई 30 फीसदी मार्केट कैप से फोनपे को भारी नुकसान होगा। एनपीसीआई ने
पहले ही थर्ड पार्टी एग्रीगेटर ऐप्स पर 30 फीसदी मार्केट शेयर कैप लगा दी
है, जो कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लागू नहीं है। बर्नस्टीन की रिपोर्ट में
कहा गया है, इसका मतलब यह होगा कि फोन पे और गूगल पे को अपनी बाजार
हिस्सेदारी को धीरे-धीरे 30 फीसदी की सीमा तक लाने के लिए अपने ग्राहक
प्रोत्साहन को कम करना होगा।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है, सुपर-ऐप
की लड़ाई सिर्फ मार्केट शेयर के लिए मार्केटिंग डॉलर को आगे बढ़ाने से आगे
बढ़ रही है । फोनपे और गूगल पे 2-3 गुणा राजस्व खर्च करते हैं, क्योंकि
यूपीआई मार्केट शेयर कैप्स में आता है।
3. पेटीएम का रणनीतिक और निवेश फोकस दो क्षेत्रों में स्थानांतरित हो गया है:
ए) यूपीए से परे एक पूर्ण-स्टैक भुगतान सूट का निर्माण - पॉइंट-ऑफ-सेल, पेटीएम पेमेंट्स गेटवे, पेटीएम पेमेंट्स बैंक
बी) एक वित्तीय सेवा मंच का निर्माण - भुगतान-बाद में उधार (पेटीएम पोस्टपेड) और धन प्रबंधन/बीमा (पेटीएम मनी) पर ध्यान देने के साथ
4.
43 करोड़ से अधिक लेनदेन के साथ पेटीएम पेमेंट्स बैंक यूपीआई क्षेत्र में
सबसे बड़ा लाभार्थी बैंक बना हुआ है। यह एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस
बैंक, एक्सिस बैंक जैसे संस्थागत बैंकों से आगे बढ़ा है।
5. पी ट
ूएम क्षेत्र में पेटीएम की ठोस उपस्थिति है: इसके अतिरिक्त, यूपीआई क्षेत्र
में सबसे बड़ा लेनदेन चालक पी टू एम खंड है, जिसमें पेटीएम ने अपनी बढ़त
मजबूत की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम वॉलेट, यूपीआई, पीओएस और
ऑनलाइन भुगतान में मर्चेंट पेमेंट शेयर बढ़ा रहा है।
6. पेटीएम का कैप्टिव यूजर बेस और इसके सक्रिय मासिक यूजर्स साल-दर-साल बढ़ रहे हैं। (आईएएनएस)
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