नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर में कहा गया है कि जो भी उम्मीदवार मैदान में आए वह कम से कम ग्रेजुएशन डिग्री धारक हो। दायर याचिका में राजनीतिक दलों को निर्देश देने की मांग की गई है कि चुनाव की अधिसूचना के वक्त ऐसे उम्मीदवार ही मैदान में उतारे जाएं जिनकी उम्र 75 से कम हो। राजनेता की उम्र के साथ-साथ याचिका में उनकी पढ़ाई को लेकर अधिसूचना जारी करने के लिए कहा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विशेष अदालतों के गठन की मांग...
बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की एक जनहित याचिका प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आई है। इसमें जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता वाले आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन के साथ ही विभिन्न निर्देश की मांग की गई है।
अशिक्षित उम्मीदवारों पर लगाना होगा सही: याचिकाकर्ता
उपाध्याय ने अपनी नई अंतरिम याचिका में कहा है कि विधायक-विधान पार्षदों और सांसदों को मिले विशेषाधिकार और रियायतों को ध्यान में रखते हुए चुनाव के दौरान अशिक्षित उम्मीदवारों को उतारने से दलों को रोकने के लिए शर्तें लगाना उचित कदम होगा।
याचिका में कहा गया है कि विधायक-सांसदों का काम लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है और कोई कारण नहीं है कि उन्हें नगर पार्षदों और ग्राम प्रधानों से कमतर दर्जे के होने चाहिए। याचिका में कहा गया है कि अनेक राज्यों में नगर पार्षद और ग्राम प्रधान के पदों के लिए अशिक्षित उम्मीदवारों को योग्य नही समझा जाता।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope