पणजी। मनोहर पर्रिवकर के नेतृत्व में गोवा की भाजपा गठबंधन सरकार ने
गुरुवार को विधानसभा में आसानी से विश्वासमत हासिल कर लिया। भाजपा गठबंधन
के समर्थन में 22 और विपक्ष में 16 मत पड़े। पणजी से भाजपा विधायक
सिद्धार्थ को फ्लोर टेस्ट के लिए गोवा विधानसभा का प्रोटे स्पीकर नियुक्त
किया गया था। इस वोटिंग के दौरान कांग्रेस नेता विश्वजीत राणे ने वॉकआउट
किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार सुबह 11 बजे विधानसभा का विशेष
सत्र बुलाकर पर्रिकर सरकार ने अपना फ्लोर टेस्ट साबित किया। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
शक्ति
परीक्षण के बाद गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि उनके पास 23
विधायक हैं और 22 ने मतदान उनके पक्ष में किया। उन्होंने कहा कि एक स्पीकर
भी हमारी ओर से था, जिन्होंने वोट नहीं किया। पर्रिकर ने कहा कि हमने किसी
विधायक को किसी होटल में नहीं रखा, किसी रिजोर्ट में नहीं रखा, सभी ने अपनी
मर्जी से मत दिया है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के लोगों के सामने साबित
कर दिया है। हमें 23 विधायकों को समर्थन मिला है और हमने इसे फ्लोर पर
साबित कर दिया है। दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि उनके पास संख्या बल
है, लेकिन उनके पास शुरूआत से ही नंबर नहीं थे। कांग्रेस के राणे के वोट
बहिष्कार के सवाल पर उन्होंने कुछ बोलने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस में बगावत,
विश्वजीत राणे का इस्तीफा...
गोवा
विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बहुमत साबित करने के साथ ही
कांग्रेस में बगावत खुलकर सतह पर आ गई है। कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक
विश्वजीत राणे ने विधायकी और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान
कर दिया है। उन्होंने सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस के सरकार
नहीं बना पाने की पार्टी की विफलता का ठीकरा भी शीर्ष नेतृत्व पर फोड़ा।
सूत्रों के मुताबिक इस इस्तीफ से खाली हुई सीट पर मुख्यमंत्री मनोहर
पर्रिकर चुनाव लड़ सकते हैं।
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