नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चचेरे भाई के हाथों परली विधानसभा सीट चुनाव हारने के पीछे भितरघात की आशंकाओं के बाद से पंकजा मुंडे भाजपा से नाराज बताई जाती हैं। उनके ट्विटर प्रोफाइल से 'बीजेपी' का टैग हटाए जाने और रविवार को लिखे एक फेसबुक पोस्ट से इस बात के संकेत मिलते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महाराष्ट्र की पिछली देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री रह चुकीं पंकजा ने पिता गोपीनाथ मुंडे की जयंती 12 दिसंबर को समर्थकों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें वह कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं। समर्थकों का आरोप है कि ओबीसी वर्ग और पार्टी में नेतृत्व खत्म करने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं ने ही पंकजा को चुनाव में हराया।
राकांपा नेता और चचेरे भाई धनंजय मुंडे के हाथ मराठवाड़ा की परली विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद से पंकजा भाजपा की गतिविधियों में पहले की तरह हाल-फिलहाल सक्रिय नहीं दिख रहीं। पंकजा ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। मराठी में लिखे इस पोस्ट मे उन्होंने कहा है, "बदले राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह सोचने की जरूरत है कि आगे क्या किया जाए? अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है। मुझे स्वयं से बात करने के लिए 8-10 दिनों की जरूरत है।"
पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से 12 दिसंबर को गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर बीड के गोपीनाथगढ़ में आयोजित बैठक में पहुंचने की अपील की है। माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे इस बैठक के जरिए शक्ति प्रदर्शन करना चाहती हैं। अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर वह कोई घोषणा भी कर सकती हैं।
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