मथुरा। तेल माफिया मनोज गोयल को पकड़कर पुलिस भले अपनी पीठ ठोक रही हो, लेकिन सच यह है कि संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई से मनोज टूट गया था। ऐसे में वह और नहीं भागना चाहता था। आखिर तय रणनीति के तहत पुलिस के बिछाए जाल में फंस गया। माना जा रहा है कि ऐसा उसने अपनी संपत्ति को बचाने के लिए किया है। इससे पहले माफिया कई राज्यों में घूमता रहा। दिल्ली और हिमाचल में तो उसने अपने साथियों के साथ मीटिंग भी की।रिफाइनरी-सलाया और रिफाइनरी-जालंधर पाइप लाइनों से डीजल, पेट्रोल और हवाई ईंधन चोरी करने वाले गैंग का सरगना मनोज गोयल बेहद शातिर है। तेल चोरी के मामले में ग्राम पंचायत भंकरपुर वसैला के प्रधान रामहरी और आगरा के दीप पेट्रोल पंप संचालक तर वदर सह जीत उर्फ मन्नी भाई के पकड़े जाने और उनके पुलिस के सामने टूट जाने की खबर मनोज गोयल को पहले ही लग गई थी। रामहरी आदि ने गैंग के 17 सदस्यों के नाम पुलिस के सामने उजागर किए थे। साथ ही गैंग का लीडर भी मनोज गोयल को बताया। इसके बाद मनोज ने अपनी दौलत को बचाने की रणनीति तय करने के लिए अपने साथियों के साथ लखनऊ में मीटिंग की। शनिवार रात गिरफ्तार किए गए मनोज गोयल ने पूछताछ में सब कुछ उगल दिया।
सूत्रों के अनुसार, उसी रणनीति के तहत मनोज और उसके साथी काम कर रहे थे और पुलिस कार्रवाई पर भी पैनी निगाहें रखे हुए थे। मीटिंग में तय किया गया था कि पहले दौर में खुद को तेल चोरी के मामले से पाक-साफ करना है। अगर इसमें सफलता नहीं मिलती है, तो दूसरे दौर में अपनी संपत्ति को सुरक्षित करना है।
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