नई दिल्ली। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को लेकर बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। अब इस कड़ी में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का नाम भी जुड़ गया है। मोदी के मंत्री ने मंगलवार को ‘वंदे मातरम’ को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का मुद्दा जानबूझकर कुछ समुदायों के बीच विवाद पैदा करने के लिए लाया जा रहा था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रामदास अठावले ने ठाणे के पास कल्याण में महाराष्ट्र ग्रामीण पत्रकार संघ की 11वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा कि वैसे सभी को वंदे मातरम् का पाठ पढऩा चाहिए, लेकिन अगर यह नहीं पढ़ा जाता है तो क्या गलत होगा। गौरतलब है कि, मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में तमिलनाडु राज्य में सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कम से कम सप्ताह में एक बार अनिवार्य रूप से वंदे मातरम गाने के आदेश जारी किया था।
इसके बाद बीजेपी के महाराष्ट्र से विधायक राज पुरोहित ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाना अनिवार्य करने के लिए राज्य सरकार से नया कानून लाने का अनुरोध करेंगे। पुरोहित के इस बयान पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू असीम आजमी ने कहा था कि वह वंदे मातरम का बेहद सम्मान करते हैं, लेकिन वह इसे किसी भी परिस्थिति में नहीं गाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। आजमी के सुर में सुर मिलाते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक वारिस पठान ने भी घोषणा की है कि उनके सिर पर बंदूक रख दी जाए या गले पर चाकू रख दिया जाए, फिर भी वह वंदे मातरम नहीं गाएंगे।
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