नई दिल्ली। मोदी राज में उड़ी आतंकवादी हमले बाद भारतीय सेना ने पहली बार पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके पहले भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक करने का कोई रिकॉर्ड सेना के पास नहीं है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में डीजीएमओ ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइकल 29 सितंबर, 2016 को किया गया था। इसने कहा, अगर कोई सर्जिकल स्ट्राइक इससे पहले हुई है तो उसका रिकॉर्ड डीजीएमओ के पास नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आरटीआई जवाब में यह भी कहा गया है कि डीजीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यही बात कही थी। रक्षा मंत्रालय को भेजे गए आरटीआई आवेदन में सर्जिकल स्ट्राइक की परिभाषा पूछी गई थी। इस पर डीजीएमओ ने बताया, सर्जिकल स्ट्राइक लेकर ओपन सोर्स में उपलब्ध सूचना के मुताबिक, यह ऐसा अभियान है जिसके लिए खुफिया सूचना के आधार पर अधिकतम प्रभाव और भारतीय सेना को कम से कम या न के बराबर क्षति हो, उसके लिए उचित लक्ष्य साधा जाता है।
इसके तहत लक्षित इलाके में सतर्कता के साथ घुसा जाता है, काम को पूरा करने के बाद बड़ी फुर्ती से सैनिकों के शव को अपने बेस में लाना होता है। आरटीआई में रक्षा मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या सेना ने 2004 और 2014 के बीच सर्जिकल स्ट्राइक की थी? मंत्रालय ने इस आवेदन को इंटेग्रेटेड हेडक्वॉर्टर्स (सेना) को भेजा, जिसने डीजीएमओ से जानकारी मांगी। डीजीएमओ ने जानकारी इंटेग्रेटेड हेडक्वॉर्टर्स (सेना) को दी जिन्होंने आगे याचिकाकर्ता को दी।
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