वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘स्पष्ट किया जाता है कि विदेशी
राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों को बिक्री या आपूर्ति को किसी अन्य
बी2सी बिक्री जैसा ही माना जाएगा और आपूर्तिकर्ता की कर देयता पर कोई
अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’ ये भी पढ़ें - जेल जाने से बचाती हैं यह माता! चढ़ाते हैं हथकड़ी
बयान में आगे कहा गया, ‘‘बिक्री के
वक्त यूआईएन देने से विदेशी राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों उनके
द्वारा भारत में चुकाए गए कर पर रिफंड का दावा कर सकेंगे। इसलिए सलाह दी
जाती है कि किसी भी स्थिति में कोई भी आपूर्तिकर्ता राजनयिक/अधिकारी को कर
चालान पर यूआईएन संख्या देने से इनकार नहीं कर सकता।’’
--आईएएनएस
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