नई दिल्ली। देश में आर्थिक सुस्ती को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रही केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हुई। निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई दर काबू में और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के सुधरने के साफ संकेत मिल रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारा फोकस होम बायर्स, एक्सपोर्ट और टैक्स रिफॉर्म पर है। उन्होंने बताया कि छोटे डिफॉल्ट में अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा। वहीं 25 लाख रुपये तक के टैक्स डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई के लिए सीनियर अधिकारियों की मंजूरी जरूरी होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
'एक्सपोर्ट के लिए नई स्कीम'
निर्मला सीतारमण ने बताया कि एक्सपोर्ट के लिए नई स्कीम लॉन्च की गई है। 1 जनवरी 2020 से मर्चन्डाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडियन स्कीम यानी एमईआईएस की जगह नई स्कीम आरओडीटीईपी को लॉन्च किया गया है। नई स्कीम से सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। अप्रैल-जून में इंडस्ट्री के रिवाइवल के संकेत मिले हैं। इसके अलावा क्रेडिट गारंटी स्कीम का फायदा एनबीएफसी को मिला है।
19 सितंबर को PSU बैंकों के प्रमुखों से करेंगी बैठक
निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंकों का क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ा है। इसके साथ ही क्रेडिट आउटफ्लो की जानकारी के लिए 19 सितंबर को PSU बैंकों के प्रमुख के साथ बैठक करेंगी।
उन्होंने कहा कि ई असेसमेंट स्कीम दशहरे से शुरू की जाएगी जिसका ऐलान किया जा रहा है। इसके अलावा असेसमेंट में कोई व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं करेगा। यह आवंटन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा।
‘इनवेस्टमेंट में काफी सुधार’
सीतारमण ने कहा कि फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में काफी सुधार दिख रहा है। जुलाई के बाजट में हमने राजकोषीय घाटे का जिक्र किया था। एफडीआई फ्लो के बारे में हम काफी बात कर चुके हैं। अबतक इसमें सुधार ही हुआ है। अगस्त में इसमें काफी सुधार देखा गया है।
उन्होंने कहा कि हम हर बार यह कोशिश करते हें कि पिछली घोषणाओं से आज की बातों को जोड़ा जाए। आज की प्रजेंटेशन में मैं पहले ब्रीफ में पिछली बातों का जिक्र करूंगा और किसी सेक्टर में अगर कोई सुधार हुआ है तो उसका भी जिक्र किया जाएगा।
हाउसिंग सेक्टर के लिए बड़े ऐलान...
45 लाख कीमत के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा मिला। क्षेत्र की कई कंपनियों ने इस योजना की तारीफ की है। सरकार ऐसे घरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अफोर्डेबेल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ईसीबी गाइडलाइंस में कई सुधार करेगी।
10 हजार करोड़ देने कि लिए सरकार की शर्तें...
अफोर्डेबल, मिडिल इनकम हाउसिंग के लिए सरकार10 हजार करोड़ रुपये लटके प्रॉजेक्ट के लिए देगी। इतना ही फंड बाहर से लगाया जाएगा। सरकार के अलावा LIC जैसे निवेशक भी लगाएंगे पैसा। हालांकि यह पैसा उन्हीं प्रॉजेक्ट को मिलेगा जिनका काम 60 फीसदी तक पूरा हो चुका हो और वह NPA न हो।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाएंगे ये कदम...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंदी से गुजर रही इकॉनमी को बूस्ट कर करने के लिए हाउसिंग और एक्सपोर्ट के लिए बड़ी घोषणा की। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी में कमी का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्र ने कहा कि आज हमारा फोकस निर्यात को बढ़ावा देने पर है। पुराना आरओएसएल दिसंबर 2019 तक जारी रहेगा।
एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए मेगा प्लान
हैंडिक्राफ्ट कोऑपरेटर अब ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खुद को एनरोल करवा सकते हैं। एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए मेगा प्लान। निर्यात की क्वालिटी को बेहतर किया जाएगा। हम इसपर काम कर रहे हैं। ताकि समयबद्ध तरीके से हम स्टैंडर्ड हासिल कर सकें। तय वक्त में स्टैंडर्ड सेट किया जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय इसके लिए एक ग्रुप बनाएगा। कुछ एक्सपोर्स को ऑरिजिन सर्टिफिकेट के लिए परेशान होना पड़ता है। इसके लिए ऑरिजिन मैनेजमेंट सिस्टम चलाया जाएगा। इससे ईज ऑफ डुइंट बिजनस को बढ़ावा मिलेगा।
फ्री ट्रेड अग्रीमेंट...
स्पेशल एफटीए अग्रीमेंट मिशन चलाया जाएगा। इसका काम अलग से फेडरेशन ऑफ एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन और असोसिएशन से बात करना और समझौते करना होगा। इसके तहत टैरिफ में छूट के बारे में भी निर्यातकों और आयातकों को जानकारी दी जाएगी।
चार मेगा शॉपिंग फेस्टिवल शो का पूरे देश में होगा आयोजन
वार्षिक मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का पूरे देश के चार जगहों पर आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मार्च 2020 से शुरू होगा। जेम्स ऐंड जूलरी, योगा एवं टूरिजम, टेक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र में ये आयोजन होगा।
एक्सपोर्ट समय को कम करने के लिए भी कदम...
एक्सपोर्ट के समय को कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। बोस्टन जैसे पोर्ट टर्न अराउंड के लिए आधा दिन लेता है। शंघाई और भी कम समय लेता है। सभी क्लियरेंस के लिए मैनुअल सर्विसेज को खत्म करके ऑटौमैटिक सिस्टम लागू किया जाएगा। एक्सपोर्ट फाइनैंस एक इंटर मिनिस्टीरियल ग्रुप की निगरानी में काम करेगा। 36 हजार करोड़ से 38 हजार करोड़ एक्सपोर्ट क्रेडिट को बढ़ाने के लिए लगाए जाएंगे। यूएस डॉलर बेस्ड लेंडिंग में कमी आई है। रुपये में गिरावट की वजह से यह फर्क पड़ा है। सितंबर 2019 तक आईटीसी रिफंड के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड सिस्टम लागू किया जाएगा।
पहले भी किए थे ऐलान....
पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई महत्वपूर्ण ऐलान किए थे। वित्त मंत्री ने 30 दिनों में जीएसटी रिफंड, बैंकों में 70 हजार करोड़ की पूंजी डालने, फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पर बढ़े सरचार्ज को वापस लेने का ऐलान किया था।
इस समय सरकार विपक्ष के निशाने पर है और सरकार के सामने यह चुनौती है कि इस आर्थिक सुस्ती से कैसे निपटा जाए। पिछली तिमाही में विकास दर घटकर 5 फीसदी पर आ गई। इसके बाद सरकार की नीतियों को लेकर विपक्ष घेरने का मौका नहीं छोड़ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया।
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