शर्मा की याचिका पर जैन ने लिखा, "यह अपीलकर्ता द्वारा किया गया
जघन्यतम अपराध है। इस मामले में ऐसा दंड दिया जाना चाहिए कि इस तरह के
जघन्य अपराधों को करने से रोकने के लिए एक नजीर बने। दया याचिका में कोई
सार नहीं है, इसे खारिज करने के लिए सख्ती से सिफारिश की जाती है।"
सुप्रीम
कोर्ट व दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद याचिका को दिल्ली
सरकार को अग्रसारित किया गया था। कोर्ट ने याचिका को अस्वीकार करते हुए कहा
था, "वह दया के लायक नहीं है।"
23 साल की महिला से 16 दिसंबर, 2012
को सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे यातनाएं दी गई थीं, जिससे उसकी
मौत हो गई। सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनपर यौन उत्पीड़न व
हत्या के आरोप लगाया गया।
--आईएएनएस
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