नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पर्यावरण मंत्रालय को दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश नदी के रेत खनन सहित अवैध रेत खनन को नियंत्रित करने और विनियमित करने के लिए प्रवर्तन और निगरानी तंत्र को अपडेट से संबंधित आवेदनों के बाद जारी किए गए हैं। इनमें से कुछ आवेदन (एप्लिकेशन) लगभग सात वर्षों से लंबित हैं, जबकि अन्य कुछ आवेदन रेत के अवैध खनन के मद्देनजर समय-समय पर दायर किए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत के विभिन्न हिस्सों में रेत खनन निरंतर जारी है।
एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे सस्टेनेबल सैंड मैनेजमेंट गाइडलाइंस, 2016 का सख्ती से पालन करें।
इसने निर्देश जारी किए हैं कि विशेषज्ञ सदस्यों की पांच सदस्यीय समिति द्वारा आवधिक निरीक्षण किया जाए।
बेंच ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर खनन और जलशक्ति मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ समन्वय में पर्यावरण सचिव द्वारा वर्ष में कम से कम एक बार समीक्षा जरूर की जानी चाहिए।
इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस विषय पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए भी निर्देशित किया गया है और इस तरह की वार्षिक रिपोर्ट्स हर साल 30 अप्रैल तक पर्यावरण मंत्रालय को दी जा सकती है।
ऐसी रिपोर्टों के आधार पर हर साल 31 मई तक एक समेकित रिपोर्ट तैयार करने और इस विषय पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। (आईएएनएस)
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