उन्होंने कहा कि देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर है,
जबकि हम जीडीपी का केवल 2-3 प्रतिशत ही कृषि पर खर्च करते हैं। ईज ऑफ डूइंग
फार्मिंग को स्थापित करने से इस क्षेत्र की मुश्किलें कम होंगी, जिससे हम
80 प्रतिशत तक कृषि संकट का हल निकाल पाएंगे।
विशेषज्ञों ने पिछले वर्ष कहा
था कि 2014 में मुख्यत: किसानों की आय दोगुनी करने का चुनावी वादा करके
सत्ता में आई भाजपा को 2019 के चुनाव में कृषि संकट के मुद्दे पर मुश्किलों
का सामना करना पड़ेगा। हालांकि बालाकोट हवाई हमले ने इस सोच को बदल दिया।
स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव ने कहा कि दो बड़े मुद्दे हैं -बेरोजगारी
और कृषि संकट। हालांकि वे (मोदी सरकार) बालाकोट हवाई हमले के बाद इससे बच
निकलने में कामयाब रहे।
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को निश्चित ही दरकिनार
कर दिया गया और जैसा लोगों ने सोचा था यह महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं बन पाया।
यादव ने कहा, बीते वर्ष देश के एक-तिहाई हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति थी
और इस वर्ष मॉनसून ज्यादा अच्छा होने का अनुमान नहीं होने से कृषि संकट और
बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, अगर मॉनसून सामान्य से कम रहता है तो नई सरकार
को तत्काल इससे निपटने के उपाय सोचने होंगे।
(IANS)
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