नई दिल्ली। पहली बार नक्सलियों ने छत्तीसगढ में आईईडी लगे तीर बम का
इस्तेमाल किया है। परंपरागत तीर-धनुष को विस्फोटक का शक्ल देकर नक्सलियों
ने सुरक्षाबलों के होश उडा दिए हैं। छत्तीसगढ के सुकमा में जिस तरह से
सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया वह न सिर्फ हैरतअंगेज है, बल्कि एकदम नया
है।
सुकमा में नक्सलियों ने 11 मार्च को सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया था। इस
हमले में 12 जवान शहीद हो गए। हमले का तरीका चौंकानेवाला है। गश्त कर रहे
जवानों को निशाना बनाने के लिए परंपरागत तीर-धनुष का इस्तेमाल किया गया
हालांकि तीर को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाकर हमले किए
गए, जो कि ज्यादा घातक साबित हुआ।
जानकारों के मुताबिक तीर के अगले हिस्से पर डेटोनेटर लगाकर उसे बम बनाया
गया था। जैसे ही यह तीर किसी चीज से टकराएगा विस्फोट होगा। यदि यह किसी
जवान के शरीर पर लगाता है तो विस्फोट से नुकसान तय है। ऎसा ही सुकमा में
नक्सलियों ने किया। जानकार बताते हैं कि विस्फोटक वाले तीर का इस्तेमाल
पहली बार जवानों पर किया गया। इससे पहले नक्सली जहर लगे तीर का इस्तेमाल
करते थे। अब विस्फोट वाले तीर से बचाव का भी कोई रास्ता नहीं है, जंगलों
में जवानों को पैदल ही चलना पडता है।
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