नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे ने भारत के उस दीर्घकालिक रुख को समाप्त कर दिया है कि इजरायल ने फिलिस्तीन के क्षेत्रों पर कब्जा कर रखा है और यह दौरा फिलिस्तीन राष्ट्र को समर्थन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का त्याग भी है। माकपा ने कहा, संयुक्त बयान में इजरायल के साथ रणनीतिक भागीदारी की घोषणा फिलिस्तीन राष्ट्र के समर्थन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का त्याग है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वाम दल ने एक बयान में कहा, मोदी के रामाल्ला न जाने और फिलिस्तीन सरकार से मुलाकात न करने से ही यह स्पष्ट हो गया था। संपूर्ण दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत के रुख के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
बयान के मुताबिक, संयुक्त बयान में सभी रूपों में आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग की बात कही गई है, जबकि यह सर्वविदित है और जहां तक इजरायल की बात है, तो अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाले फिलिस्तीनी संगठनों को ही आतंकवादी करार दिया गया है।
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