निवेदिता का श्राद्ध 12 अगस्त को होना था, लेकिन बुकिंग के कुछ देर बाद ही
मंदिर के ऑफिस में हमें एक कॉल आया। उन्होंने बताया कि मंदिर की ओर से आए
कॉल में एक सज्जन बार-बार मेरा नाम पूछ रहे थे। फिर उन्होंने कहा कि
श्राद्ध की क्रियाविधि नहीं की जा सकती है। जब मैंने उनसे कारण पूछा, तो
उन्होंने बंगाली में जवाब देते हुए कहा कि आप बेहतर जानते हैं। ये भी पढ़ें - जो भी यहां आया बन गया "पत्थर"
उन्होंने
बताया कि फोन पर ये भी कहा गया आप अपने पैसे वापस ले सकते हैं। मामले में
सीआर पार्क काली मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि हम इस मंदिर के
संरक्षक है, जिनका हर दो साल पर चुनाव होता है। हम हिंदू धर्म की मान्यता
को नहीं बदल सकते। हालांकि मामले की जांच चल रही है कि आखिर क्यों उनकी
बुकिंग कैंसिल की गई।
बता दें कि निवेदिता के पति इम्तियाजुर वाणिज्यिक
करों के निदेशालय में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि
निवेदिता कोलकाता के एक स्कूल में बंगाली और संस्कृत पढ़ाती थीं। दोनों ने
साल 1998 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी।
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