नई दिल्ली। पैराडाइज पेपर्स में 714 भारतीय कंपनियों और हस्तियों के नाम सामने आने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए है। भारतीय कंपनियों के कथित फंड डायवर्जन और कॉरपोरेट गवर्नेंस में हुई चूक को लेकर सामने आई कॉरपोरेट लीक को लेकर सरकार ने सीबीडीटी चेयरमैन की अध्यक्षता में मल्टी जांच एजेंसी का फिर से गठन किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि इससे पहले पनामा लीक मामले की जांच के लिए सरकार ने इसी एजेंसी का गठन किया था, जिसमें अब मामूली बदलाव किया गया है। इस एजेंसी में सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्तीय खुफिया ईकाई (एफआईयू) के अधिकारी शामिल होंगे और इसके प्रमुख सीबीडीटी के चेयरमैन होंगे।
गौरतलब कि पैराडाइज पेपर्स में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। सीबीडीटी ने कहा कि इसमें भारत की रैकिंग 19वीं है। इस सूची में भारत से 714 नामों का खुलासा किया गया है।
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