उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस सदी में कम से कम यह नहीं हुआ। 2011 में संसद को
बुलाने की तारीख तीन नवंबर थी। सत्र औपचारिक रूप से 22 नवंबर को बुलाया गया
और 30 दिसंबर को संपन्न हुआ।’’शर्मा ने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और उनके
मंत्रियों को झूठ, लोगों को भ्रमित करने और अर्ध-सत्य की कला में महारत
हासिल है।’’ उन्होंने वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री को ‘पाखंडी’ भी कहा।
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा, ‘‘वे नहीं
चाहते कि संसद में चर्चा हो, इसलिए शीतकालीन सत्र को टालने के लिए विभिन्न
तरह के बहाने बना रहे हैं।’’ ये भी पढ़ें - यहां महाभारत के भीम आज भी करते हैं शहर की रक्षा
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे संसद सत्र आहूत
करते हैं और चर्चा के लिए आते हैं तो सबके सामने बेपर्दा हो जाएंगे। जिस
कारण वे सत्र को गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बुलाने का प्रयास कर रहे
हैं।’’उन्होंने कहा कि जो कुछ भी नरेंद्र मोदी की सरकार में हो रहा है, वह
‘लोकतंत्र पर हमला’ है। इस साल लोकसभा में मात्र 38 बैठकें हुई हैं, जो
पिछले 70 सालों में सबसे कम है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार के मंत्रियों और
लोकसभा अध्यक्ष को भी नहीं पता कि सत्र कब बुलाया जाएगा। केवल एक शख्स को
इस बात की जानकारी है और वह है ‘ब्रह्मा’। आप लोकतंत्र को चलाने में मनमौजी
नहीं हो सकते।’’
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