इधर, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने को संसद को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बल
किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और हथियार व गोला-बारूद की
किसी भी तरह की कमी का शीघ्र समाधान किया जा रहा है। गोला-बारूद की कमी से
संबंधित नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के मद्देनजर,
जेटली ने कहा, जहां तक सशस्त्र बलों की बात है, तो वे किसी भी हालात का
मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और हथियार व गोला-बारूद की किसी भी तरह की
कमी का शीघ्र समाधान किया जा रहा है।
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सीएजी ने पिछले सप्ताह संसद
में पेश अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल में
लाए जाने वाले 55 फीसदी गोला-बारूद की मात्रा न्यूनतम जरूरतों को पूरा नहीं
करता। रिपोर्ट के मुताबिक, सेना द्वारा भंडारित बाकी 45 फीसदी गोला-बारूद
भीषण युद्ध के हालात में 10 दिन से अधिक नहीं चलेंगे।
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