चित्तौडग़ढ़। जिले के कपासन कस्बे में मंगलवार को दो समुदायों के युवकों के बीच हुए विवाद और तनाव के बाद बुधवार को आक्रोशित लोगों ने स्वैच्छिक रूप से बाजार बंद कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। बंद के दौरान कस्बे में शांति बनी रही और भारी मात्रा में पुलिस जाप्ता तैनात रहा। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
मंगलवार को आकरिया चौक में दो समुदाय के युवकों में झगड़ा होने से कस्बे में सांप्रदायिक तनाव के हालात बन गए। हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया और हवाई फायर करते हुए हल्का बल प्रयोग भी किया।
बुधवार को इस घटना के बाद नगर की शांतिभंग करने वालों के विरुद्ध एकजुट होकर लोगों ने विरोध प्रकट किया। नगर के सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने स्वैच्छिक बंद रखा और बंद के दौरान चाय की थडिय़ां, सब्जी मंडी, रेस्टोरेंट, किराना और पान की दुकानें तक बंद रहीं। सुबह से ही आकरिया चौक में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नगर के प्रबुद्ध लोगों के बीच शांतिवार्ता के दौर चलता रहा, लेकिन कोई खास परिणाम नहीं आया। इस दौरान उपखंड अधिकारी अनिल कुमार, डीएसपी हिम्मतसिंह देवल, एससीएसटी सेल डीएसपी भंवर रणधीरसिंह, गंगरार थानाधिकारी दिनेश सुखवाल, तहसीलदार प्रभुलाल जैन और भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद बारेगामा सहित कई लोग मौजूद थे।
मांस की दुकानें हटाने की मांग
बुधवार को बंद के बाद हुई वार्ता के दौरान लोगों ने बस्ती क्षेत्र में लगी मांस की दुकानों को हटाए जाने की मांग की, वहीं कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा किए गए आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग के मामले में जांच और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसी के साथ मंगलवार की घटना में थानाधिकारी डीपी दाधीच द्वारा निर्दोष लोगों पर लाठीचार्ज करने और कई लोगों को चोटें लगने पर उन्हें हटाए जाने व उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इस पर उपखंड अधिकारी ने सभी मांगों पर जांच कराए जाने व कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
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