कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने की सहमति के बाद अब इनकार कर दिया। ममता ने ट्विटर पर जारी बयान की प्रति साझा करते हुए लिखा कि शपथ ग्रहण लोकतंत्र की महत्वपूर्ण परंपरा है, लेकिन इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ममता ने पीएम मोदी को लिखे पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट से भी शेयर किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने ट्वीट कर शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने को लेकर अपनी असमर्थता जताई। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘लोकतंत्र के उत्सव का जश्न मनाने के लिए शपथ ग्रहण एक पवित्र मौका होता है। यह ऐसा मौका नहीं है जिसमें किसी दूसरी पार्टी को महत्वहीन बनाने की कोशिश की जाए।’ प्रधानमंत्री को काफी तल्ख भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने जीत की बधाई देते हुए शपथ ग्रहण में शामिल होने से इनकार कर दिया।
ममता ने इसकी वजह पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा में 50 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या किए जाने के पार्टी के दावे को बताया है। इससे पहले उन्हें संकेत दिए थे कि वह शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्सा ले सकती हैं। ममता ने इस संबंध में सरकार से मिले न्यौते को स्वीकार करते हुए मंगलवार को कहा था कि इस तरह का कार्यक्रम संवैधानिक होता है और मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए नेता इसमें शरिकत करने की पूरी कोशिश करते हैं। वह भी इसमें शामिल होने की कोशिश करेंगी। लेकिन बुधवार दोपहर उन्होंने एक ट्वीट कर साफ कर दिया कि वह पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए होने जा रहे शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं करेंगी। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक पत्र भी संलग्न किया है, जिसमें टीएमसी प्रमुख ने बीजेपी के उन दावों को नकारा है कि पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के दौरान पार्टी के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई।
पीएम मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में उन बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनकी कथित तौर पर चुनावी हिंसा में हत्या कर दी गई। बीजेपी ने इसे राजनीतिक हत्या करार देते हुए इसका आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगाया।
बता दे, 2014 में भी पीएम के शपथ ग्रहण में ममता शामिल नहीं हुई थीं, लेकिन अपने विश्वासपात्र अमित मित्रा और मुकुल रॉय को उन्होंने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा था। हालांकि, रॉय अब बीजेपी में हैं और एक दिन पहले ही उनके बेटे ने भी बीजेपी का दामन संभाला है।
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