महिला के पति ने कहा,अच्छी बात है कि
मुख्यमंत्री स्वयं आए, लेकिन मैं चाहता हूं कि उन लोगों को गिरफ्तार किया
जाए। महिला की उम्र 45 वर्ष है। वह गुरूवार को इलाहाबाद-लखनऊ गंगा गोमती
एक्सप्रेस ट्रेन से चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरी और पुलिस को लिखित शिकायत
दी क्योंकि वह बोल नहीं पा रही थी। महिला पर यह चौथी बार हमला किया गया है।
यह महिला एक ऎसे कैफे में काम करती है, जो तेज़ाब की शिकार महिलाओं को काम
पर रखता है।
महिला के पति ने कहा,मैं बहुत गरीब आदमी हूं, लेकिन मैं यह केस
इसलिए लडता रहा, क्योंकि मुझे अपनी पत्नी पर विश्वास है।
जिन लोगों ने उसे एसिड पिलाया, उन्होंने ही उस पर संपत्ति विवाद को लेकर
2009 में एसिड हमला किया था। महिला लखनऊ स्थित शिरोज हैंगआउट कैफे में काम
करती है जो एसिड हमले की शिकार महिलाओं द्वारा संचालित है। महिला दस मार्च
को घर गयी थी क्योंकि उसकी बेटी की दसवीं की परीक्षा थी और गुरूवार को जब
वापस लखनऊ लौट रही थी, जब उक्त घटना हुई।
तीन
महिला कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई...
पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला पर 2012 में चाकू से हमला व उसके बाद 2013
में उस पर एसिड हमला हुआ।
इस बीच पुलिस महानिरीक्षक (लखनऊ जोन) ए सतीश गणेश ने उन तीन संवेदनहीन
महिला कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है, जो अस्पताल में
पीडिता के बिस्तर के निकट सेल्फी लेने में मशगूल थीं। महिला कांस्टेबलों के
सेल्फी लेने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। गणेश ने इसी के आधार पर
तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया।
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