अभिषेक
मिश्रा, लखनऊ। होली के साथ ही लखनऊ मेट्रो को भी बधाई। आरडीएसओ के आक्सीलेशन ट्रायल में मेट्रो पास हो गई है। लिहाजा लखनऊ वासियों को मेट्रो में सफर करने के
लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आक्सीलेशन ट्रायल के लिए
तय शिड्यूल 21 मार्च से पहले ही ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया
है। आरडीएसओ की रिपोर्ट के आधार पर सभी टेस्ट का कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी
(सीएमआरएस) की निगरानी में क्रास परीक्षण होगा। इसके बाद सीएमआरस अपनी रिपोर्ट
रेलवे मंत्रालय को भेजेगा। यहां से एप्रूवल मिलने के बाद ही 26 मार्च से
मेट्रो सफर कर सकेंगे। ऐसे में एलएमआरसी के लिए यह दो चुनौती भी पार करनी होगी। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
ट्रासंपोर्ट नगर से चारबाग तक मेट्रो का आक्सीलेशन ट्रायल सफलतापूर्वक कर लिया गया
है। एलएमआरसी से दी गई जानकारी के अनुसार रेलवे मंत्रालय से मंजूरी मिलने के लिए
यह जरूरी था कि आक्सीलेशन का सफल ट्रायल हो जाए। इसके साथ ही सीएमआरएस की ओर से सेफ्टी जांच भी जरूरी है। यह सभी टेस्ट मेट्रो
ट्रेन के खाली व भरे होने के साथ ही 90 किमी प्रति घंटे की स्पीड से किए
जाने हैं। खाली ट्रेन में बिना यात्री लोड और वजन के लिए आठ यात्री वर्ग मीटर लोड
के बराबर वजन रखकर मेट्रो को दौड़ाया गया।
ट्रेन में वजन के लिए रेत से भरी बोरियां लगभग 80 टन का लोड रखकर चलाया
गया। आक्सीलेशन ट्रायल के दौरान ट्रेन की सेफ रनिंग का भी परीक्षण किया गया।
विभिन्न प्रकार के मैकेनिकल पैरामीटर्स का भी ट्रैक पर ट्रायल के दौरान रीडिंग की
गई।
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