नई दिल्ली। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) के दक्षिण एशिया केंद्र का वार्षिक शिखर सम्मेलन इंडिया हैबिटेट सेंटर में 29 मार्च से शुरू होगा और 31 मार्च तक चलेगा। इसमें भारत की आजादी की 70वीं वर्षगांठ का भी जश्न मनाया जाएगा। शिखर सम्मेलन में विश्वशक्ति बनने की इच्छाशक्ति से भरपूर भारत के आगे के रास्तों से जुड़े चार महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
ये मुद्दे हैं:
-नागरिकता एवं भारत का संविधान
-कॉपोर्रेट सामाजिक दायित्व
-वैश्विक शक्ति के रूप में भारत का उदय
-भारत में जल सुरक्षा
चर्चा में शामिल होने वाले विशेषज्ञों में जे.ए. (टोनी) एलन, राहुल बजाज, मुकुलिका बनर्जी, हैरी बकेर्मा, अमिता बााविस्कर, एस. गुरुमूर्ति, सुहासिनी हैदर, नीरजा गोपाल जयाल, कल्पना कन्नाबिरन, ओंकार एस कंवर, माधव खोसला, मार्कस मेंच, निरुपमा राव, मुकुंद राजन, कंवल सिब्बल, एश्ली टेलिस और हिमांशु ठक्कर शामिल हैं। यह आयोजन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन द्वारा 2015 में संयुक्त रूप से की गई घोषणा - भारत-ब्रिटेन संस्कृति वर्ष 2017 के तहत किया जा रहा है।
शिखर सम्मेलन के विशेष आकर्षण:
-1947 में भारतीय उपमहाद्वीप के विभाजन को दर्शाने वाली चित्र प्रदर्शनी। यह प्रदर्शनी अमृतसर स्थित पार्टीशन म्यूजियम के सहयोग से आयोजित होगी।
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