नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर वर्ष 2022 तक एक समावेशी और समृद्ध भारत बनाने का प्रस्ताव पारित किया, जो स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने के बाद एक खास चर्चा में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, आज, भारत छोड़ो आंदोलन के 75वें वर्ष में हम एक शक्तिशाली, समृद्ध, स्वच्छ, गौरवशाली भारत बनाने की प्रतिज्ञा करते हैं, जो भ्रष्टाचार मुक्त हो, अच्छा प्रशासन हो, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नत हो और सभी के विकास के लिए प्रतिबद्ध हो। उन्होंने कहा, हम एक ऐसा देश बनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, जहां भाईचारा और राष्ट्रवाद हो और वह लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने हिंदी में लिखा प्रस्ताव पढ़ा, 125 करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधियों ने प्रतिज्ञा की है कि हम लोगों को एक-साथ लाएंगे और अगले पांच सालों तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। हम भारत को महात्मा गांधी और स्वतंत्रता सेनानियों के सपने जैसा बनाएंगे। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। इससे पहले चर्चा की शुरुआत में महाजन ने कहा, किसानों, बुद्धिजीवियों, सैनिकों सभी ने स्वराज का सपना देखा है। उन्होंने कहा कि सूरज (अच्छा प्रशासन) को सबसे बड़ी जिम्मेदारी के रूप में लिया जाना चाहिए।
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक गरीबी और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण का आह्वान किया। लोकसभा में बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान मोदी ने कहा कि अगामी पांच साल वैसे ही निर्णायक साबित हो सकते हैं, जैसे जब देश को स्वतंत्रता मिली थी तो 1942 से 1947 के बीच के साल निर्णायक साबित हुए थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा दुनिया में भारत एक प्रेरणा के रूप में उभर सकता है। करीब 40 मिनट के भाषण में मोदी ने भारत की आजादी में महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाला बहादुर शास्त्री, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, जयप्रकाश नारायण और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिकाओं को याद किया। प्रधानमंत्री ने जवाहर लाल नेहरू का जिक्र नहीं किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, सदैव अहिंसा का प्रचार करने वाले महात्मा गांधी ने जब करो या मरो का आह्वान किया तो यह देश के लिए आश्चर्यजनक था। उन्होंने कहा, 2017 से 2022, जब देश भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल साल पूरे करता है तो हमें वैसी ही भावना के साथ काम करने की जरूरत है, जो 1942 से 1947 के बीच में मौजूद थी। मोदी ने लोगों से लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के के साथ ही भ्रष्टाचार, गरीबी, कुपोषण और निरक्षरता खत्म करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
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