नई दिल्ली। पिछले साल भारतीय सेना के उरी स्थित जिस कैम्प पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था, उससे सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर सेना के टॉप कमांडर्स नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हो रही ताजातरीन गतिविधियों की समीक्षा कर रहे हैं। दरअसल, अब बर्फ पिघल रही है और यही वह समय है, जब पाकिस्तानी सेना घुसपैठियों को भारतीय सीमा में घुसाने की कोशिश करती है। चैनल एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, बारामूला स्थित भारतीय सेना की 19वीं डिवीजन के प्रमुख मेजर जनरल आरपी कलिता का कहना है कि उरी के ठीक सामने की तरफ पाक अधिकृत कश्मीर में बने आतंकवादियों के लॉन्चपैडों पर फिर से आतंकी आ बसे हैं।
पिछले साल 25 सितंबर को भारतीय फौजियों ने रात के अंधेरे में पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों के इन ठिकानों को तहस-नहस कर दिया था, और भोर होने से पहले देश की सीमा में वापस घुस आए थे। सर्जिकल स्ट्राइक की यह कार्रवाई उरी में सेना के कैम्प पर हुए आतंकी हमले के जवाब में सेना द्वारा की गई थी। इस क्षेत्र में पिछले एक दशक के दौरान हुए हमलों में उरी कैम्प पर हुआ हमला सबसे घातक था, और इसमें 19 फौजी शहीद हुए थे।
मेजर जनरल आरपी कलिता ने चैनल को बताया, ‘सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कुछ वक्त के लिए हमारे पास इनपुट आए कि उनमें (आतंकवादियों में) से कुछ लौट आए हैं। लेकिन सर्दियों के दिनों में, हमें उन्हें (लॉन्चपैडों को) फिर से कब्जाने के इनपुट हासिल हुए हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद निशाना बनाए गए लगभग वे सभी इलाके अब फिर सक्रिय हो गए हैं, जो उनकी जिम्मेदारी वाले इलाके में आते हैं।
मेजर जनरल आरपी कलिता जिस डिवीजन के प्रमुख हैं, वह कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के 100 किलोमीटर क्षेत्र की सुरक्षा करती है। उन्होंने बताया, ‘हमारे पूरे इलाके में नौ या 10 लॉन्च पैड हैं, जिनकी हमें जानकारी है। वे ढांचे झोंपड़ी भी हो सकते हैं और धोक (अस्थायी ढांचे) भी, जिनमें वे अस्थायी रूप से आकर ठहरते हैं, और फिर अंतिम रूप से सारी योजना (घुसपैठ के बारे में) बना लेने के बाद घुसपैठ के लिए भेज दिए जाते हैं।’
सितंबर, 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा करते हुए सेना ने कहा था कि नष्ट किए गए लॉन्च पैडों पर मौजूद आतंकदवादियों को भारत में बड़े शहरों पर हमलों का काम सौंपा गया था। भारतीय सेना उरी हमले के बाद से ही आतंकवादियों द्वारा नई तरकीबें, हथियार और तकनीकें अपनाए जाने के प्रति आशंकित है, जो नियंत्रण रेखा को पार कर कश्मीर में घुस सकते हैं। घुसपैठ की कोशिश करते पकड़े गए आतंकवादियों के पास से ज्वलनशील पदार्थ बरामद हुए हैं- मौटे तौर पर बेहद ज्वलनशील तरल पदार्थ से भरे कैन, जिन्हें लक्ष्य पर छिडक़ा जा सकता है, और फिर ग्रेनेड फोडक़र आग लगाई जा सकती है।
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