बेंगलुरु। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनने पर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Senior Congress Leader Siddaramaiah) ने बीजेपी (BJP) पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार ‘संवैधानिक या नैतिक रूप से गठित’ (Constitutionally Or Ethically Formed) नहीं की गई है तथा इस पूरे प्रकरण को ‘खरीद-फरोख्त की जीत’ हुई है। सिद्धरमैया ने बीजेपी पर सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पद के ‘दुरुपयोग’ का आरोप लगाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘येदियुरप्पा का बहुमत न होने के बावजूद राज्यपाल के पद का दुरुपयोग कर शपथ लेना अपने आप में संविधान का उल्लंघन है।’ सिद्धारमैया ने मौजूदा समीकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तीन विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के बाद विधानसभा में कुल 221 सदस्य रह गए हैं और इसमें आधे का आंकड़ा 111 है। हालांकि भाजपा के पास सिर्फ 105 विधायक हैं। सिद्धरमैया ने कहा कि भाजपा को 111 विधायकों की सूची सौंपनी होगी। उन्होंने कहा कि मुंबई में रह रहे बागी विधायकों के नाम नहीं दिये जा सकते क्योंकि वे कांग्रेस और जद(एस) से हैं।
सिद्धरमैया ने पूछा, ‘यह (बीजेपी की) संवैधानिक या नैतिक रूप से गठित सरकार नहीं है। वे (बीजेपी) तब बहुमत कैसे साबित करेंगे? क्या इसकी संविधान के दायरे में कोई मान्यता है?’ उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और जद(एस) विधायकों को बंधक नहीं बनाया जाता तो एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार नहीं गिरती। सिद्धरमैया ने कहा, ‘उन्होंने (बीजेपी ने) हमारे विधायकों को प्रलोभन देकर अवैध रूप से बंधक बनाया और अब वो (बीजेपी ) कह रही है कि यह लोगों की जीत है। नहीं, यह लोगों की जीत नहीं है। यह खरीद-फरोख्त की जीत है। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दो बागी विधायकों ने अयोग्यता को लेकर उनसे संपर्क किया था लेकिन उन्होंने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।
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