श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने 20 और कैदियों को आगरा की केन्द्रीय जेल में शिफ्ट किया है। एक अधिकारी ने बताया कि शांति भंग होने की आशंका के चलते हिरासत में लिए गए लोगों को आगरा स्थानांतरित किया गया है। ऐसे लोगों की संख्या अब 90 हो गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों का इतिहास समस्या पैदा करने वाला रहा है और ये कई अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। शुक्रवार को एयरफोर्स के विशेष विमान के जरिए इन्हें कश्मीर से आगरा लाया गया। कश्मीर से बाहर भेजे गए इन लोगों पर अलगाववादी समूह के सक्रिय सदस्य होने का आरोप है। इन्हें आगरा स्थित सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। इससे पहले प्रशासन ने 25 अन्य अलगाववादियों को गुरुवार को ही कश्मीर से आगरा शिफ्ट किया था। इनमें कश्मीर हाई कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष मियां कय्यूम भी शामिल हैं।
रशासन ने बताया कि इन्हें ऐहतियातन घाटी से बाहर भेजा गया है। संदेह था कि भारत सरकार द्वारा आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद ये घाटी में गड़बड़ पैदा कर सकते हैं। मियां कय्यूम के अलावा कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी मुबीन शाह को भी कश्मीर से आगरा भेजा गया है। कय्यूम एक जाने-माने वकील हैं और अलगाववादियों की ओर से कई मुकदमे लड़ चुके हैं।
हालात हो रहे सामान्य...
बता दें कि केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 से संबंधित प्रस्ताव संसद में पेश किए जाने से पहले ही राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था के भारी इंतजाम किए थे। सोमवार को प्रस्ताव किए जाने से पहले रविवार को ही घाटी में इंटरनेट, फोन लाइन, स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दे दिया था। साथ ही कश्मीर घाटी के जिलों में सड़कों पर सुरक्षाबल का कड़ा पहरा है। हालांकि शुक्रवार से सभी सरकारी कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया गया है और सांबा में स्कूल-कॉलेज भी शुक्रवार से खुल गए।
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