नई दिल्ली। भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में कराए गए धमाके में जांच एजेंसी को कानपुर की एक इस्लामिक एनजीओ पर शक है। भारत में सक्रिय इस्लामिक स्टेट के एक आतंकी मॉड्यूल द्वारा कराए गए इस ट्रेन ब्लास्ट की जांच के तार कानपुर में सक्रिय ‘सत्य संदेश फाउंडेशन’ नाम के एक गैर सरकारी से जुडते नजर आ रहे हैं। कानपुर का यह एनजीओ इस्लाम से जुडी धार्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार से जुडे होने का दावा करती है।
जांच एजेंसी एनआईए इस एनजीओ की भूमिका संदिग्ध मान रही है। जांच एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि पिछले वर्ष नवंबर माह में कानपुर में हुए रेल हादसे की जगह सत्य संदेश फाउंडेशन के लोग इतनी जल्दी कैसे पहुंच गए। साथ ही ट्रेन हादसों में एनआईए को कथित तौर पर आईएस के लिए काम कर रहे एक शख्स एहसान पर भी शक है।
एहसान शिया समुदाय से ताल्लुक रखता है और अगर उसपर लगा आरोप सही साबित होता है, तो शायद वह पहला ऐसा शिया होगा जो आईएस जैसे कट्टरपंथी सुन्नी विचारधारा वाले आतंकवादी संगठन से जुडा है।
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