उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा
चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन और महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय
चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन ने राज्य में पार्टी को मजबूत किया है।
सूत्र ने कहा कि कुछ विधायकों के अन्य पार्टियों को छोडने और भाजपा के टिकट
पर फिर से चुने जाने पर भी चर्चा हुई।
बैठक में शरीक होने वाले नेताओं में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी शामिल
हैं। यह बैठक राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल के आधिकारिक आवास पर हुई।
गौरतलब है कि साल 2014 का विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग लडा
था। भाजपा सबसे बडे दल के रूप में उभरी थी। इसके कुछ महीनों बाद शिवसेना
भगवा गठबंधन में लौटी थी लेकिन मनचाहा विभाग पाने में नाकाम रही थी।
महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा का सहयोगी दल रहने के बावजूद शिवसेना ने
सरकार की नीतियों पर हमला जारी रखा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
पर भी तंज कसे। स्थानीय निकाय चुनाव में शिवसेना और भाजपा के बीच
संबंध बदतर हो गए, ये चुनाव उन्होंने अलग-अलग लडे।
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