नई दिल्ली । भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर एक्सचेंज लिस्टिंग के बाद से ही गिर रहे हैं। लिहाजा जिन निवेशकों ने आईपीओ में अपना पैसा लगाया था, उनके पोर्टफोलियो में भारी विमूल्यन का सामना करना पड़ा है। सरकार ने अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेची थी। आईपीओ में एलआईसी का मूल्य 6 लाख करोड़ रुपये था।
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इस रिपोर्ट को लिखने के समय, कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग 4.8 लाख करोड़ रुपये था, जिसका मतलब है कि निवेशकों को हाल ही में 1.2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
बहुप्रतीक्षित एलआईसी के शेयरों ने 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों में कमजोर लिस्टिंग की। यह स्टॉक एक्सचेंजों पर 8.62 प्रतिशत की छूट पर 867 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ, जो कि आईपीओ के 949 रुपये के मूल्य से था।
अब शेयर की कीमत 756 रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर है, जो इसके निर्गम मूल्य से 20 प्रतिशत से थोड़ा अधिक की गिरावट है।
विशेष रूप से, कंपनी के आईपीओ को निवेशकों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली थी क्योंकि बीमा प्रमुख की पेशकश को 2.89 गुना अभिदान मिला था।
इसे 16.2 करोड़ इक्विटी शेयरों के आईपीओ आकार के मुकाबले 46.77 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां मिलीं।
बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पॉलिसीधारकों को 60 रुपये की छूट की पेशकश की गई, जबकि खुदरा निवेशकों के लिए यह छूट 45 रुपये थी।
कमाई की बात करें तो, राज्य द्वारा संचालित बीमा कंपनी ने वित्त वर्ष 22 के दौरान 2,409 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही से सालाना आधार पर 17 प्रतिशत कम है।
--आईएएनएस
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